Tea Farming: चाय की खेती करने पर किसानों को मिलेगी 50% सब्सिडी, यहाँ से करें आवेदन बिहार में किसान सिर्फ आम, अमरूद, लीची और हरी सब्जियां ही नहीं उगाते, बल्कि वे चाय की खेती भी करते हैं। अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया जैसे जिलों में चाय की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इससे भी अधिक उल्लेखनीय बात यह है कि राज्य सरकार इस क्षेत्र में चाय की खेती को सक्रिय रूप से समर्थन और प्रोत्साहित करती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने चाय की खेती को लेकर अहम घोषणा की है. सरकार ने चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक उदार सब्सिडी कार्यक्रम शुरू किया है, और इकाई लागत तदनुसार निर्धारित की गई है।
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इस सब्सिडी की घोषणा बिहार सरकार ने विशेष वैज्ञानिक फसल योजना के तहत चाय की खेती के क्षेत्र का विस्तार करने के अपने प्रयासों के तहत की है। एक हेक्टेयर भूमि पर चाय की खेती करने वाले किसान 50% अनुदान के पात्र होंगे।
बागवानी निदेशालय का मानना है कि यह सब्सिडी प्रदान करने से किसानों में चाय की खेती के प्रति रुचि और उत्साह बढ़ेगा। कृषि विभाग ने चाय की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 4,94,000 रुपये निर्धारित की है. साथ ही, किसानों को इस राशि पर 50% सब्सिडी भी मिलेगी।
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इस पहल का उद्देश्य बिहार में चाय किसानों को समर्थन और प्रोत्साहन देना, उन्हें अपनी चाय की खेती गतिविधियों का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना और अंततः राज्य में चाय उद्योग की वृद्धि और विकास में योगदान देना है।
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