खाटू श्याम मंदिर जाने का रास्ता (बस और ट्रेन की पूरी जानकारी) | Khatu Shyam Jane Ka Rasta

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खाटू श्याम मंदिर जाने का रास्ता (बस और ट्रेन की पूरी जानकारी) | Khatu Shyam Jane Ka Rasta

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Khatu Shyam Jane Ka Rasta: आज इस आर्टिकल में हम राजस्थान के सीकर जिले में स्थित Khatu Shyam Jane Ka Rasta के बारे में जानकारी प्रदान कर रहें हैं। आप भारत के किसी भी हिस्से में हों, आप इस आर्टिकल में दी गई जानकारी के माध्यम से आसानी से बस या ट्रेन के जरिए खाटू श्याम जी के मंदिर की यात्रा कर सकते हैं।

खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए, आपको पहले खाटू श्याम आधिकारिक वेबसाइट पर टिकट बुक करवाना होगा। जब आपके पास खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए टिकट होगा, तब ही आप खाटू श्याम जी के मंदिर का दर्शन कर पाएंगे। आइए अब हम विस्तार से जानते हैं कि खाटू श्याम जी मंदिर जाने का रास्ता कौन-कौन सा है।

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Khatu Shyam Jane Ka Rasta

खाटू श्याम महाराज का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के साथ पांडव पुत्र भीम के पोते बर्बरीक की पूजा भी की जाती है। खाटू श्याम मंदिर पर हर साल फागुन मास की एकादशी से पांच दिन चलने वाले मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में देश-विदेश के श्रद्धालु आकर खाटू श्याम महाराज का दर्शन करते हैं।

यदि आपने महाभारत देखा है तो आप जरूर पांडव पुत्र भीम के पोते बर्बरीक के बारे में जानते होंगे। वह अपनी तपस्या द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न किया था। भगवान शिव ने उसे तीन ऐसे बाण दिए थे जिनसे वह किसी को भी हरा सकता था। इसलिए, महाभारत युद्ध के समय कौरव और पांडव के बीच जब लड़ाई हुई, बर्बरीक ने पांडवों की ओर से लड़ने की इच्छा जाहिर की थी।

भगवान श्रीकृष्ण जानते थे कि अगर बर्बरीक इस युद्ध में भाग लेगा, तो पांडव आसानी से जीत जाएंगे, लेकिन ऐसा करना धर्मविरोधी माना जाएगा। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण का वेश धारण करके बर्बरीक से दान में उसका सिर मांगा। बर्बरीक ने बिना देरी किए उस ब्राह्मण को अपना सिर दान कर दिया।

बर्बरीक द्वारा सिर दान किए जाने पर भगवान श्रीकृष्ण अति प्रसन्न होते हैं और उसे वरदान देते हैं कि तुम तीनों लोक में खाटू श्याम के नाम से जाने जाओगे। तभी से बर्बरीक को खाटू श्याम जी के नाम से जाता है।

खाटू श्याम मंदिर जाने का रास्ता | Khatu Shyam Jane Ka Rasta

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम नामक गांव में खाटू श्याम बाबा का मंदिर है। Khatu Shyam Mandir Darshan करने के लिए श्रद्धालु के पास तीन विकल्प हैं – बस, ट्रेन और हवाई जहाज। चलिए हम एक-एक करके सभी रास्ते के बारे में जानते हैं:

खाटू श्याम जाने का रास्ता by Train

खाटू श्याम महाराज जी का दर्शन करने के लिए, कोई भी व्यक्ति अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से जयपुर रेलवे स्टेशन (राजस्थान) के लिए टिकट निकाले।

जब आप जयपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचें, तो वहां से बाहर निकलते ही आपको सिंधी बस स्टैंड तक पहुंचना होगा। वहां से आपको खाटू श्याम मंदिर जाने के लिए सीधी बस या टैक्सी मिलेगी। जयपुर रेलवे स्टेशन से खाटू श्याम मंदिर की दूरी 80 किलोमीटर है। खाटू श्याम मंदिर के लिए बस और टैक्सी आपको हर समय उपलब्ध रहती हैं, आप किसी भी समय जा सकते हैं।

हवाई जहाज द्वारा खाटू श्याम मंदिर जाने का रास्ता

अगर कोई भी श्रद्धालु विमान के माध्यम से खाटू श्याम मंदिर जाने की सोच रहा है, तो उसे अपने नजदीकी हवाई अड्डे से जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए टिकट बुक करना होगा। जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचने के बाद, जब आप अड्डे से बाहर निकलेंगे, तो आपको वहीं से बस या टैक्सी मिलेगी जो आपको खाटू श्याम मंदिर तक पहुंचाएगी। जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से खाटू श्याम मंदिर की कुल दूरी 94 किलोमीटर है।

खाटू श्याम जगह पर रुकने और खाने की व्यवस्था


खाटू श्याम महाराज जी का दर्शन करने के लिए यदि आप आ रहे हैं, तो आप चिंतित हो सकते हैं कि रुकने और भोजन का व्यवस्था कैसे होगा। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ, आपको परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। खाटू श्याम में आने के बाद, यहां आपके लिए आहार और आवास की व्यवस्था अत्यंत सुविधाजनक होती है। जो इस प्रकार है:

  • खाटू श्याम मंदिर पहुंचने के बाद, यहां कई धर्मशालाएं होती हैं जहां आप अपने परिवार के साथ 1 दिन के लिए 300 से 500 के बीच का चार्ज देकर ठहर सकते हैं। इसके अलावा, यहां कई प्राइवेट होटल भी हैं जहां आप रुक सकते हैं। इनके लिए 1 दिन की किराया मिनिमम 800 से हजार रुपए तक होती है।
  • खाने की व्यवस्था भी यहां काफी अच्छी है। खाटू श्याम मंदिर के पास बहुत सारे रेस्टोरेंट हैं, जहां आप 100-150 रुपए की थाली के साथ पूरे मजेदार भोजन का आनंद ले सकते हैं।
  • आपको यहां पर मिलने वाले होटल और रेस्टोरेंट में शुद्ध शाकाहारी भोजन मिलेगा, क्योंकि खाटू श्याम मंदिर एक धार्मिक स्थान है।

खाटू श्याम मंदिर के दर्शन कैसे करें

खाटू श्याम जगह पर अपने परिवार के साथ पहुंचते ही, आप धर्मशाला या होटल में रुक सकते हैं। जब आप Khatu Shyam Mandir का दर्शन करने के लिए जाएं, तो इन विशेष बातों का ध्यान रखें:

  • श्रद्धा और आदर: मंदिर में प्रवेश करते समय श्रद्धा और आदर से आवेदन करें। ध्यान दें कि आप शुद्धता और निष्काम भाव से अपने दर्शन करें।
  • पूजा का समय: मंदिर में अपनी पूजा का समय जानें और उसके अनुसार अपनी पूजा करें। सुबह और शाम के दर्शन का समय सबसे उपयुक्त होता है।
  • स्वयंसेवकों की सहायता: मंदिर में मौजूद स्वयंसेवकों की सहायता ले सकते हैं। उनसे दर्शन के लिए विशेष जगहों की जानकारी और पूजा के लिए सामग्री का निर्देश ले सकते हैं।
  • प्रसाद लेना: दर्शन के बाद प्रसाद लेने का अवसर मिलेगा। यह आपको आनंदपूर्वक लेना चाहिए और प्रभु का आशीर्वाद ग्रहण करें।

ध्यान दें: खाटू श्याम मंदिर में पूजा करने से पहले श्याम कुंड में स्नान करना आवश्यक है। इसके बाद आपको खाटू श्याम महाराज जी के दर्शन के लिए लाइन में खड़े होना होगा। यहां बताना चाहता हूँ कि श्याम कुंड से ही खाटू श्याम बाबा जी की मूर्ति प्रकट हुई थी।

खाटू श्याम मंदिर पूजा विधि और पूजा सामग्री

यदि आप खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने जा रहे हैं, तो आपको खाटू श्याम मंदिर में पूजा विधि के नियमों को जानना चाहिए। खाटू श्याम मंदिर में पूजा विधि के नियम निम्नलिखित हैं।

खाटू श्याम मंदिर पूजा विधि और खास दिन

खाटू श्याम मंदिर हमेशा श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है और आप किसी भी मौसम में खाटू श्याम बाबा का दर्शन कर सकते हैं। लेकिन हर महीने की आने वाली द्वादशी को विशेष दिन माना जाता है, जब खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने का अवसर होता है।

खाटू श्याम मंदिर में अगर कोई श्रद्धालु द्वादश के दिन पूजा करता है, तो उसे स्वयं भगवान श्री कृष्ण की पूजा कर रहा होने का मान्यता है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति पांच द्वादशी लगातार व्रत रखकर खाटू श्याम महाराज की सच्ची भक्ति करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

खाटू श्याम मंदिर के लिए पूजा सामग्री

खाटू श्याम मंदिर की पूजा के लिए आमतौर पर निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • सुपारी (चूना) और लाल चंदन: पूजा की शुरुआत में सुपारी (चूना) और लाल चंदन को प्रदान किया जाता है।
  • फूल: भगवान की पूजा में फूलों का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। प्रमुखतः गुलाब, जाई, चमेली और मरीगोल्ड के फूल प्रयोग किए जाते हैं।
  • दीपक: पूजा के दौरान दीपक जलाया जाता है, जिसमें तेल या घी और बाती रखी जाती है।
  • पान, सौंफ, इलायची, लौंग और अगरबत्ती: ये सामग्री पूजा के दौरान उपयोग होती हैं और भगवान को प्रसन्न करने में मदद करती हैं।
  • पुष्पांजलि: पूजा के अंत में फूलों की माला को भगवान के चरणों में अर्पित किया जाता है।

खाटू श्याम जी के दर्शन कितने बजे से कितने बजे तक होते हैं

खाटू श्याम जी के दर्शन सुबह 4:30 बजे से शुरू होते हैं और रात्रि के लिए 10:00 बजे तक जारी रहते हैं। दर्शन का समय पूजा और आरती की व्यवस्थाओं के अनुसार बदल सकता है, इसलिए आपको मंदिर संगठन से पूछना चाहिए या आपकी यात्रा के पहले निर्धारित समय के बारे में अवधारणा लेनी चाहिए।

सर्दियों के मौसम में खाटू श्याम मंदिर खुलने का समय

  • सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
  • शाम 5:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक

गर्मियों के मौसम में खाटू श्याम मंदिर खुलने का समय

  • सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक
  • शाम 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक

खाटू श्याम जी की आरती कितने बजे होती है

खाटू श्याम जी की आरती सुबह 7:00 बजे और शाम 7:00 बजे होती है। यह आरती मंदिर के पूजा विधि के अनुसार आयोजित की जाती है। कृपया ध्यान दें कि आरती का समय बदल सकता है:

आरती वंदनागर्मियों का मौसमसर्दियों का मौसम
मंगला आरती प्रतिदिनसुबह 4:30 बजेसुबह 5:30 बजे
शृंगार आरती प्रतिदिनसुबह 7:00 बजेसुबह 8:00 बजे
भोग आरती प्रतिदिनदोपहर 12:30 बजेदोपहर 12:30 बजे
संध्या आरती प्रतिदिनशाम 7:30 बजेशाम 6:30 बजे
विश्राम आरती प्रतिदिनरात्रि 10:00 बजेरात्रि 9:00 बजे

खाटू श्याम जी में क्या-क्या देखने लायक है | Khatu Shyam Jane ka Rasta

  • खाटू श्याम मंदिर: यह मंदिर भगवान श्री श्याम बाबा को समर्पित है और इसे दर्शन करना महत्वपूर्ण है।
  • श्याम कुंड: यहां पर स्थित श्याम कुंड में स्नान करना मान्यता से जुड़ा है और यह एक पवित्र स्थान है।
  • खाटू श्याम जी की मूर्ति: मंदिर में खाटू श्याम जी की विशाल मूर्ति रखी गई है जिसे दर्शन करना धार्मिक महत्व रखता है।
  • प्रार्थना हॉल: मंदिर में एक प्रार्थना हॉल होता है जहां आप पूजा और ध्यान कर सकते हैं।
  • प्रसाद भंडार: मंदिर में भगवान के प्रसाद के लिए भंडार स्थापित होता है जहां आप प्रसाद ले सकते हैं।
  • खाटू गांव: मंदिर के आसपास खाटू गांव भी है जहां आपको स्थानीय जीवन और रंगीन बाजार का अनुभव मिलेगा।

Khatu Shyam Jane Ka Rasta (FAQ)

खाटू श्याम जाने के लिए कौन सा रास्ता सही है?

खाटू श्याम जाने के लिए आपको सबसे पहले जयपुर रेलवे स्टेशन (राजस्थान) जाना पड़ेगा। खाटू श्याम मंदिर का दूरी 80 किलोमीटर है। आप या तो जयपुर रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस सेवा का उपयोग करके जा सकते हैं। दूसरे विकल्प के रूप में, आप रिंगस रेलवे स्टेशन (राजस्थान) जा सकते हैं, जहां से खाटू श्याम मंदिर की दूरी अट्ठारह किलोमीटर है। वहां से आप ऑटोरिक्शा, रिक्शा, या टैक्सी का उपयोग करके मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

खाटू श्याम का दिन कौन सा है?

खाटू श्याम का विशेष दिन ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी होता है। यह दिन हर माह में आता है और श्रद्धालुओं के लिए खास महत्व रखता है।

दिल्ली से खाटू श्याम की दूरी कितनी है?

दिल्ली से खाटू श्याम मंदिर की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है।

उज्जैन से खाटू श्याम जाने का रास्ता

उज्जैन से आपको आगरा-मुंडावरा रोड पर चलना होगा।
चितोड़गढ़ की ओर बढ़ते हुए निर्मली गांव पहुंचें।
निर्मली से आपको खाटू श्याम मंदिर की ओर चलना होगा।
मारग पर आगे बढ़ते हुए खाटू श्याम मंदिर पहुंचें।
यह रास्ता आपको उज्जैन से खाटू श्याम मंदिर तक ले जाएगा।

रींगस से खाटू श्याम की दूरी कितना है?

रींगस से खाटू श्याम मंदिर की दूरी लगभग आठ मील (अठारह किलोमीटर) है।

खाटू श्याम से सालासर बालाजी की दूरी

खाटू श्याम मंदिर से सालासर बालाजी मंदिर की दूरी लगभग ११५ किलोमीटर है।

सीकर से खाटू श्याम की दूरी

सीकर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी लगभग ७० किलोमीटर है।

जयपुर से खाटू श्याम कितने किलोमीटर है?

जयपुर से खाटू श्याम मंदिर की दूरी लगभग ८० किलोमीटर है।

ट्रेन से खाटू श्याम कैसे जाएं?

खाटू श्याम जाने के लिए आप ट्रेन का उपयोग कर सकते हैं। आपको सबसे पहले जयपुर रेलवे स्टेशन पर जाना होगा। वहां से आप खाटू श्याम के लिए उपलब्ध ट्रेनों का चयन कर सकते हैं। खाटू श्याम के निकटतम रेलवे स्टेशन रींगस रेलवे स्टेशन है। आप रींगस स्टेशन पर उतरकर खाटू श्याम मंदिर की यात्रा जारी रख सकते हैं।

खाटू श्याम मंदिर कौन से दिन बंद रहता है?

खाटू श्याम मंदिर सात दिनों तक खुला रहता है और प्रतिदिन आम दर्शन के लिए यात्री आ सकते हैं। इसे सातवें दिन, जिसे मंगलवार के रूप में जाना जाता है, एक घंटे के लिए बंद कर दिया जाता है। यह सामान्यतः दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक होता है।

खाटू श्याम को हारे का सहारा क्यों कहा जाता है?

खाटू श्याम को “हारे का सहारा” कहा जाता है क्योंकि वह भगवान कृष्ण के अवतार, भगवान श्री कृष्ण के संबंधित हैं। श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन के साथ रथ चलाकर युद्ध की थी और खाटू श्याम भगवान को उनके युद्ध में हारे का सहारा माना जाता है। इसी कारण से उन्हें “हारे का सहारा” कहा जाता है।

खाटू श्याम का असली नाम क्या है?

खाटू श्याम का असली नाम “बर्बरीक” है।

खाटू श्याम मंदिर कौन से शहर में पड़ता है?

खाटू श्याम मंदिर राजस्थान राज्य के “सीकर” शहर में पड़ता है।

जयपुर से खाटू श्याम के लिए ट्रेन कौन सी है?

जयपुर से खाटू श्याम तक जाने के लिए आप “जयपुर-खाटू श्याम एक्सप्रेस” नामक ट्रेन या “जयपुर-सीकर एक्सप्रेस” नामक ट्रेन का उपयोग कर सकते हैं। ये दोनों ट्रेनें आपको सीकर जंक्शन तक ले जाएंगी, जहां से आप खाटू श्याम के लिए टैक्सी या बस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

खाटू श्याम जी का मंदिर सुबह कितने बजे खुलता है?

खाटू श्याम जी का मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है।

खाटू श्याम कौन से दिन जाना चाहिए?

खाटू श्याम मंदिर में जाने के लिए आपको सोमवार को जाना चाहिए। यहां पर सोमवार को भक्तों की भीड़ अधिक होती है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्याम जी का विशेष महत्व होता है।

खाटू श्याम को प्रसाद में क्या चढ़ता है?

खाटू श्याम को प्रसाद में मुंह में मिठाई, फल, चावल, पूरी, चना, मिक्स दाल, घी, शक्कर, दूध, पंजीरी, लड्डू, जलेबी, चूड़ा, बादाम, काजू, खजूर आदि चढ़ाए जाते हैं।

मेहंदीपुर बालाजी से खाटू श्याम कितने किलोमीटर हैं?

मेहंदीपुर बालाजी से खाटू श्याम की दूरी लगभग 205 किलोमीटर है।

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