Biparjoy Cyclone: कहर बरपायेगा “बिपरजॉय” इन राज्यों के लिए बनेगा मुसीबत कच्छ क्षेत्र में चक्रवात बिपरजॉय के कारण एक संदेह है, जिससे मछुआरे और नमक व्यापारियों को वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, पाकिस्तान और आसपास के पश्चिमी क्षेत्रों में शुष्क हवाएं सक्रिय हैं, जिसके कारण चक्रवाती तूफान कमजोर हो जाएगा। इस परिस्थिति में हम जान सकते हैं कि इस चक्रवाती तूफान का किस राज्य पर क्या प्रभाव हो सकता है।
चक्रवात बिपारजॉय तेजी से गुजरात की ओर बढ़ रहा है। संभावित है कि यह 15 जून को गुजरात के तटों से टकराएगा। इसके कारण गुजरात समेत कई राज्यों ने पहले से ही इसके प्रभाव के लिए तैयारी की है। जानकारी के अनुसार फूस के घरों और कच्चे घरों को इस चक्रवात से गंभीर रूप से प्रभावित होने की आशंका है।
आईएमडी प्रमुख सुनील कांबले के मुताबिक वर्तमान में यह चक्रवात मुंबई से दूर है। 15 जून को बिपारजॉय की संभावित लैंडफॉल स्थान मांडवी और कराची के बीच है। आगामी 24 घंटों में कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश की संभावना है।
समुद्री तटों से दूर रहने की चेतावनी
सतर्कता के माध्यम से, पूर्वी मध्य और इससे सटे पश्चिम मध्य अरब सागर में मछली पकड़ने की गतिविधि को गुरुवार तक रोक दिया गया है। इसके साथ ही, गुजरात सरकार ने सौराष्ट्र, कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिलों के तटीय क्षेत्रों से लोगों को पहले से ही निकाल लिया है। सरकार ने लोगों से समुद्र तट के पास जाने की भी अनुमति नहीं दी है।
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किन चीजों का हो सकता है नुकसान
चक्रवात बिपारजॉय के प्रभाव से रेलवे, ओवरहेड बिजली लाइनें और सिग्नलिंग सिस्टम प्रभावित हो सकते हैं, जबकि इस राज्य में फसलों, वृक्षारोपण और बागों को नुकसान हो सकता है। चक्रवात के कच्छ क्षेत्र से टकराने की आशंका है, जहां मछुआरे और नमक व्यापारी वित्तीय हानि से प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान और आसपास के पश्चिमी क्षेत्रों में सक्रिय शुष्क हवाओं के कारण चक्रवाती तूफान तुरंत कमजोर हो जाएगा।
इसलिए, आइए हम देखें कि इस चक्रवाती तूफान का किस राज्य पर क्या प्रभाव हो सकता है।
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राजस्थान
मौसम विभाग के अनुसार, 15 जून को चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के प्रभाव से राजस्थान के जोधपुर और उदयपुर संभाग में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। साथ ही, 16 जून को दक्षिण पश्चिमी राजस्थान में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि 17 जून तक जोधपुर, उदयपुर और अजमेर संभाग और इनके आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
मध्य प्रदेश
राज्य के शहडोल, जबलपुर, भोपाल और नर्मदापुरम संभागों में कुछ जगहों पर वज्रपात और बिजली गिरने की संभावना है। आगामी 24 घंटों के दौरान खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, सागर, झाबुआ, उज्जैन, रीवा, सतना और छतरपुर जिलों में भी इसी तरह का मौसम रहने की संभावना है। खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, सागर, रीवा, सतना, छतरपुर, रायसेन, भोपाल और सीहोर जिलों में तेज हवाओं के साथ आंधी आने की भी संभावना है। वहीं, मध्य प्रदेश के धार, बालाघाट और रतलाम जिलों में कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है।
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गोवा
भारतीय तट की ओर चक्रवाती गति का प्रभाव गोवा में पहले से ही दिखाई दे रहा है, क्योंकि समुद्र में ऊंची लहरें देखी गईं। वर्तमान में, पर्यटकों को समुद्र तटों पर जाने से रोक लगा दिया गया है।
दिल्ली
विशेषज्ञों के मुताबिक चक्रवात बिपारजॉय से दिल्ली-एनसीआर में ज्यादा असर की उम्मीद नहीं है। हालांकि, आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश संभव है।
इस चक्रवात को लेकर केंद्र और राज्य सरकार इससे निपटने की तैयारी में जुट गई है। गुजरात में एनडीआरएफ की 17 और SDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं। सेना भी अलर्ट पर है। उसी तरह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्थिति को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की जांच कर रहे हैं। इसलिए, हम आपको बता रहे हैं कि अगर आप चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में हैं, तो क्या करें और क्या न करें…
साइक्लोन से पहले क्या करें?
- अपने घर की जांच करें और जहां आवश्यकता हो, मरम्मत कराएं। दरवाजों और खिड़कियों की मरम्मत करें।
- अपने घर के पास लगे सूखे हुए पेड़ों की डालियों को हटा दें। साथ ही, उन सभी चीजों को हटा दें जो उड़ने का खतरा पैदा कर सकती हैं।
- अपने घर में टॉर्च, इमरजेंसी लाइट आदि को रखें। इससे आपको लाइट चली जाने की स्थिति में उपयोग करने का विकल्प मिलेगा।
- हमेशा अपने घर में एक ऐसा भोजन रखें जो इमरजेंसी में उपयोग के लिए उपयुक्त हो और खराब न हो।
साइक्लोन के दौरान क्या करें?
- सरकार की जारी की गई चेतावनी का पालन करें।
- सरकार या स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए गए सुझावों का मानना चाहिए।
- अफवाहों पर विश्वास न करें और उन्हें फैलाने से बचें।
- अगर आपका घर साइक्लोन जोन में है, तो तत्पर रहें और उसे तुरंत खाली करके सुरक्षित स्थान पर जाएं।
- अगर आपका घर सुरक्षित है, तो अपने घर की सबसे सुरक्षित जगह पर आश्रय लें। हालांकि, यदि प्रशासन ने इसे खाली करने की निर्देश दिए हैं, तो उसे तुरंत खाली करें। अगर संभव हो, तो घर पर पकाए गए खाने को और थोड़ी अतिरिक्त पानी को स्टोर करें।
- अगर आप किसी दूसरे स्थान पर जा रहे हैं, तो अपने कीमती सामान को भी साथ लें।
- साइक्लोन के समय घर से बाहर निकलने से बचें।
- बिजली का मेन स्विच और गैस सप्लाई बंद करें।
- साइक्लोन के दौरान बारिश और हवा बंद होने के दौरान भी बाहर निकलने से बचें। कभी-कभी हवाएं रुक-रुक कर चलती हैं और नुकसान पहुंचा सकती हैं
साइक्लोन के बाद क्या करें?
- शेल्टर में तब तक रहें, जब तक आपको इसे छोड़ने के लिए नहीं कहा जाता.
- बीमारियों के खिलाफ वैक्सीन लगवाएं.
- ढीले और लटकते तारों के पास जाने से बचें.
- किसी क्षतिग्रस्त इमारत के पास भी न जाएं.
- अपने घर के आसपास सफाई करें.
- अगर आपके घर को नुकसान हुआ है, तो इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें.
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